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Showing posts from September, 2018

स्वामी विवेकानन्द के सुविचार

ईश्वर ही ईश्वर की उपलब्थि कर सकता है। सभी जीवंत ईश्वर हैं–इस भाव से सब को देखो। मनुष्य का अध्ययन करो, मनुष्य ही जीवन्त काव्य है। जगत में जितने ईसा या बुद्ध हुए हैं, सभी हमारी ज्योति से ज्योतिष्मान हैं। इस ज्योति को छोड़ देने पर ये सब हमारे लिए और अधिक जीवित नहीं रह सकेंगे, मर जाएंगे। तुम अपनी आत्मा के ऊपर स्थिर रहो। *******

स्वामी विवेकानन्द के सुविचार

तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम

स्वामी विवेकानन्द के सुविचार

जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो–उससे किसी को

स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान

स्वामी विवेकानन्द स्वामी विवेकानन्द उठो, जागो और तब तक रुको नही जब तक

स्वामी विवेकानन्द के सुविचार

जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो–उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो। दुर्बलता को कभी प्रश्रय मत दो। सत्य की ज्योति ‘बुद्धिमान’ मनुष्यों के लिए यदि

स्वामी विवेकानन्द की महत्त्वपूर्ण तिथियाँ

12 जनवरी 1863   --   कलकत्ता   में जन्म

स्वामी विवेकानन्द के शिक्षा दर्शन के आधारभूत सिद्धान्त

स्वामी विवेकानन्द के  शिक्षा दर्शन  के आधारभूत सिद्धान्त निम्नलिखित हैं –

Swami Vivekananda Quotes

Swami Vivekananda

Vivekananda -